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यूपी में लागू हुई 'राहवीर योजना': सड़क हादसों में घायलों को बचाने पर मिलेगा ₹25,000 का इनाम

By Vipin Srivastava

On 29 May 2025

गोरखपुर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू की गई महत्वाकांक्षी ‘राहवीर योजना’ को राज्य में लागू कर दिया है। यह योजना आम नागरिकों को सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की मदद करने के लिए न केवल प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें आर्थिक पुरस्कार और सरकारी सम्मान भी देती है।

अब अगर कोई नागरिक किसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को “गोल्डन ऑवर” यानी पहले एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाता है और उसकी जान बचती है, तो उसे ₹25,000 तक का इनाम मिलेगा।

क्या है गोल्डन ऑवर और क्यों है यह ज़रूरी?

गोल्डन ऑवर वह पहला घंटा होता है जब सड़क हादसे के बाद अगर घायल को समय पर इलाज मिल जाए, तो उसकी जान बचने की संभावना 90% तक होती है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में उत्तर प्रदेश में लगभग 26,000 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से कई लोगों की जान देरी से इलाज मिलने के कारण गई। 'राहवीर योजना' इस गंभीर स्थिति को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

अब मिलेगा 25,000 का पुरस्कार

पहले इस योजना में सिर्फ ₹5,000 मिलते थे, लेकिन सरकार ने इसे पांच गुना बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया है। इससे मदद करने वाले लोगों को न केवल आर्थिक सहयोग मिलेगा, बल्कि उन्हें सामाजिक स्तर पर भी ‘जीवन रक्षक’ के रूप में सम्मानित किया जाएगा।

इनाम पाने की प्रक्रिया

  1. कोई व्यक्ति घायल को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर ले जाता है।

  2. अस्पताल प्रशासन पुलिस को जानकारी देता है।

  3. पुलिस प्रमाण पत्र जारी करती है और कलेक्टर को सूचित करती है।

  4. फिर परिवहन विभाग संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में 25,000 ट्रांसफर करता है।

महत्वपूर्ण: पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

प्रदेशभर में योजना लागू

यह योजना अब लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ जैसे सभी ज़िलों में लागू की जा चुकी है। सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक मदद के लिए आगे आए। गोरखपुर के ट्रॉमा सेंटर के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि अगर राहगीर घायल को समय से लाएं, तो 80% जानें बचाई जा सकती हैं।

हर नागरिक बन सकता है 'राहवीर'

‘राहवीर योजना’ एक सामाजिक क्रांति की शुरुआत है। यह न सिर्फ घायलों के लिए जीवनदायिनी है, बल्कि समाज में मदद की भावना, करुणा और मानवता को भी मजबूत करती है। अगली बार जब आप किसी हादसे के गवाह बनें, तो न डरें और न हिचकिचाएं—आप किसी की जिंदगी बचाने वाले हीरो बन सकते हैं।

संदेश स्पष्ट है – जान बचाओ, सम्मान पाओ!

यह योजना न केवल पुरस्कार देने की बात करती है, बल्कि 'मानवता की जिम्मेदारी' को भी सामने लाती है। सड़क पर पड़े किसी घायल को अस्पताल पहुंचाना अब सिर्फ नेकी का काम नहीं, बल्कि सरकार द्वारा सम्मानित योगदान है।

आपकी क्या राय है 'राहवीर योजना' पर? क्या आपने कभी किसी घायल की मदद की है? कमेंट में ज़रूर बताएं!

 

इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि हर कोई “राहवीर” बन सके।

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